महा मृत्युंजय जाप..१०८

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कृपया महामृत्युंजय जाप को नियमित रूप से श्रवण करें।

महामृत्युंजय जाप की महिमा सर्व विदित व सर्व व्यापी है।इस सृष्टि के रचयिता परमपिता शिव की कृपा, समस्त प्राणी जगत ,वनस्पति जगत,धरा,आकाश पाताल तीनों लोकों पर सदैव बनी हुई है।जाप का श्रवण आपको,आपके रचियता के समीप ले जाएगा व उनकी निरन्तर दिव्यता को अनुभव कर ,आत्मा परमानंद के अर्थ को समझ व आत्मसात कर सकेगी।

 

महा मृत्युंजय जाप

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