बाल दिवस _ईश्वरीय स्पंदन के प्रतिनिधित्व का अभिनंदन…..गुरमीत सिंह

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शैशव अवस्था का मानस पटल,कोरी स्लेट के मानिंद होता है,जो निर्मल झरने जैसा बेफिक्र अठखेलियां करते हुए बहता है।ठीक निसर्ग के दिलकश मंजर की तरह,देखने वालों को बरबस अपनी और आकर्षित कर लेता है।बचपन की बेशर्त खिलखिलाहट, सबके लबों पर मुस्कुराहट का सबब होती है।आस्तित्व की जीवन ऊर्जा को ये कोरी स्लेट,अभिनंदन करते हुए आत्मसात करती रहती है,इसीलिए कहा जाता है,बालरूप ईश्वर का ही दिव्य रूप है।

  •  मन के कोरे पटल पर समय की लकीरों के निशान ही,व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।यह लकीरें और कोई नहीं,हम और हमारा परिवेश ही बनाता है। इन रेखाओं की ज्यामिति ही व्यक्ति को शांति की और अथवा तनाव की और ले जाती है।बचपन का कोरा मन वही ग्रहण करता है,जो उसे अपने आसपास उपलब्ध होता है,अर्थात जो बाहर है, वही भीतर है।अगर बाहरी वातावरण प्रदूषित हो रखा है,तो स्वस्थ्य मानसिक पटल की कल्पना बेमानी है।इस प्रदूषण से बचा कर,बचपन का विकास ही असल चुनौती है,जो इसमें सफल हो जाते हैं, वही सच्चे मायने में जीवन के पुरोधा हैं।बचपन को सामाजिक प्रदूषण से बचा कर रखना,आज पालकों ,समाज तथा नीति नियंताओं के समक्ष एक जटिल पहेली को सुलझाने की,कसरत के समान है।
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बहरहाल 14 नवंबर बाल दिवस पर बचपन को ईश्वरीय स्वरूप मानते हुए, उनके निर्मल मानस पटल पर ऐसी ज्यामिति अंकित करने की आवश्यकता है,जो उनके व्यक्तित्व को प्रेम तथा गरिमायुक्त आभामंडल से सुशोभित कर, मानवीयता को नए आयाम प्रदान करे।हमे यह स्मरण रखना है कि,भविष्य की वाटिका को स्वरूप वैसा ही होगा,जैसा विचारों तथा संस्कारों का पोषण आज उन्हें प्राप्त होगा। अगर निशुल्क प्रसन्नता की तलाश में भटक रहें हैं तो बस बचपन के नयनों में जरा झांक कर देखिए,कितना सुकून तथा आत्मिक आनंद मिलता है,यह बेजोड़ है, अवर्चनीय है।

 

 

आइए बाल दिवस पर एक बार स्वयं भी बालरूप के मानस पटल को अंगीकार करते हुए, जीवन में ईश्वरीय  अनुभूति को आत्मसात करें,तथा आत्मिक सुकून को बचपन की निर्मल मुस्कुराहटों से पोषित करें।बच्चों में आस्तित्व की दिव्य ऊर्जा बिना किसी मानसिक प्रतिरोध के प्रवाहित होती है,उसको नमन कर,स्वयं के व्यक्तित्व के साथ कनेक्ट कर लें।बाल दिवस को मनाने का यह एक अनुपम उपहार होगा।शैशव को पल्लवित तथा पुष्पित करने के उत्तरदायित्व में स्वयं को भी समाहित कर,बाल दिवस की प्रकल्पना को नए सिरे से रूपांकित करें।समस्त सुधि पाठकों को बाल दिवस की अनंत शुभकामनाएं तथा उनके परिवार शैशव सदस्यों का बेशर्त प्रेम से शत शत अभिनंदन स्वीकार करें।

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